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RO-ARO पेपर लीक की आरोपी अब गबन में फंसीं:बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल पारूल पर FIR

प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ-एआरओ पेपर लीक कांड में जेल जा चुकी बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्या पारुल सोलोमन एक बार फिर विवादों में हैं।

इस बार उन पर विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) के करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप लगा है। कोर्ट के आदेश पर थाना कर्नलगंज में पारुल सोलोमन और उनके देवर एलिक्स जेन्डर मसीह के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और गबन की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

एसटीएफ ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल

पारुल का नाम इससे पहले भी सुर्खियों में रह चुका है। वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ-एआरओ परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में उनकी भूमिका सामने आई थी। आरोप है कि जांच में पता चला था कि उनकी मिलीभगत से ही बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हुआ था। इस मामले में एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब एक बार फिर वे करोड़ों के घोटाले में फंस गई हैं।

विद्यालय की मौजूदा प्रधानाचार्या मिसेज शर्ली मसीह ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानाचार्या पारुल सोलोमन ने अपने कार्यकाल के दौरान विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा बैंक में जमा नहीं किया। पारुल ने 1 अप्रैल 2022 को प्रधानाचार्या का कार्यभार संभाला, और शुरुआती एक माह तक बैंक के माध्यम से भुगतान हुआ, लेकिन उसके बाद बैंक खाता बंद कर दिया गया। इसके बाद एलिक्स जेन्डLर मसीह की मिलीभगत से योजनाबद्ध तरीके से पीएफ का करोड़ों रुपया गबन कर लिया गया।

ईपीएफओ से खुला गबन का राज

शर्ली मसीह ने बताया कि शिक्षकों से शिकायत मिलने पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को पत्र भेजकर जानकारी मांगी। वहां से प्राप्त रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि पारुल सोलोमन के कार्यकाल के दौरान किसी भी कर्मचारी का पीएफ जमा नहीं किया गया। इस खुलासे के बाद मामला और गंभीर हो गया।

कैश वाउचर से खुद की सैलरी करती थीं एप्रूव

यह भी आरोप है कि पारुल सोलोमन विद्यालय की फीस नगद वसूल कर उसी नकदी से शिक्षकों को कैश पेमेंट वाउचर के माध्यम से भुगतान करती थीं। यहां तक कि अपनी सैलरी भी स्वयं स्वीकृत करती थीं। इन वाउचरों की प्रतियां न्यायालय में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई हैं।

पुलिस ने नहीं की सुनवाई, तब कोर्ट पहुंचीं प्रिंसिपल

प्रधानाचार्या शर्ली मसीह ने पहले 6 जुलाई और 20 जुलाई 2024 को पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी, परंतु कार्रवाई न होने पर उन्होंने 10 मार्च 2025 को पुलिस कमिश्नर को रजिस्ट्री के जरिए आवेदन भेजा।जब तब भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो उन्होंने अदालत की शरण ली। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना कर्नलगंज को रिपोर्ट तलब करने और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया इसके बाद मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।

पिता रह चुके हैं सीएनआई, लखनऊ डायसिस के बिशप

पारुल चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया लखनऊ डायसिस के बिशप रह चुके पीटर बलदेव की बेटी हैं। बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज के प्रधानाचार्य पद को लेकर हुए विवाद से भी उनका नाम जुड़ा था। जुलाई 2024 में कॉलेज में इसी से संबंधित एक विवाद का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें कुछ लोग पारुल को कुर्सी से हटाते नजर आए थे। बाद में उन्होंने मुकदमा भी दर्ज कराया था।

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