सोनभद्र की घोरावल तहसील में बुधवार को हुआ नरसंहार नौकरशाहों और भूमाफिया की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीन हड़पने के तिकड़मों का नतीजा है। इलाके में आदिवासी समुदाय के गरीब किसानों की हजारों एकड़ जमीन भूमाफिया ने नौकरशाहों की सांठगांठ से हड़प ली। नरसंहार की इस घटना में आदिवासी समुदाय के 10 किसानों की हत्या कर दी गई।
मामला जमीन हड़पने से जुड़ा है, जहां स्थानीय माफिया के कहने पर आईएसएस अधिकारी ने 600 बीघा जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर दी थी। इस जमीन की कीमत 48 करोड़ रुपए से अधिक है। उत्तर प्रदेश के इस आदिवासी इलाके में राजस्व अधिकारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की पड़ताल करने पर पता चला कि हाल के दिनों में सोनभद्र भ्रष्ट नौकरशाहों, राजनेताओं और माफिया डॉन का अड्डा बन गया है जो औने-पौने दाम में जमीन खरीदते हैं।
तहसील के उम्भा गांव में जहां बुधवार को नरसंहार की वारदात हुई वहां से महज कुछ सौ गज की दूरी पर स्थित विशंब्री गांव में 600 बीघे का बड़ा भूखंड उत्तर प्रदेश सरकार के चकबंदी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हड़प लिया। सोनभद्र स्थित जिला अदालत में वकील विकाश शाक्य ने आदिवासियों की ओर से यह मुकदमा दर्ज करवाया है। बता दें कि 10 लोगों के नरसंहार का कारण बनी जमीन भी एक आईएएस अधिकारी के नाम थी, जिसने ग्राम प्रधान यगदत्त को बेच दी थी, जो मुख्य आरोपी है। कब्जा लेने के लिए नरसंहार को अंजाम दिया गया।
मृत व्यक्ति को मालिक बता की थी रिकॉर्ड में हेराफेरी:-अदालत के निर्देश पर की गई जांच में खुलासा हुआ कि चकबंदी अधिकारियों ने राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी जहां जमीन का मालिक मृत व्यक्ति को बताया गया था। जमीन के असली मालिक को अदालत में पेश करने पर साजिश की पोल खुल गई और उसके बाद चकबंदी विभाग के 27 अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
बेटे पैदा भी नहीं हुए तब कानूनगो ने नाम कर दी थी जमीन:-शाक्य के मुताबिक राजमार्ग (अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्टरी के समीप) स्थित 14 बीघा जमीन के रिकॉर्ड में कानूनगो ने हेराफेरी की है। कानूनगो ने जमीन का पंजीकरण (विगत तारीख में) अपने दो बेटों के नाम कर लिया, जबकि पंजीकरण के समय उनके ये दोनों बेटे पैदा भी नहीं हुए थे।
जनजाति आयोग का दल 22 को जाएगा सोनभद्र के उम्भा गांव:-राष्ट्रीय जनजाति आयोग का एक दल 10 आदिवासियों के मारे जाने तथा कई के घायलों होने की मामले की जांच के लिए 22 जुलाई को घटनास्थल का दौरा करेगा। केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने बताया कि आयोग ने संज्ञान लेते इस जिले के उम्भा गांव का दौरा करने का फैसला किया गया है। दल में आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साईं, आयोग की सदस्य माया चिंतामन इवाते, संयुक्त सचिव एस के राठो और सहायक निदेशक आर के दुबे शामिल होंगे।
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