फतेहपुर : इवेंजलिकल चर्च आफ इंडिया (ईसीआइ), हरिहरगंज में मतांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में सैम हिग्निबाटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) प्रयागराज के सोसाइटी बोर्ड के सदस्य डा. आइजेक फ्रेंक को सरकारी गवाह बनाकर कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराए हैं।

अब शुआट्स के निदेशक विनोद बी लाल, चांसलर जेटी आलिवर, वाइस चांसलर आर बी लाल और बाइबिल सेरेमनी बेली रोड अस्पताल के पास रहने वाले ईसीआइ के पादरी मिस्टर पाल पर कार्रवाई का शिकंजा कस गया है। फतेहपुर पुलिस मतांतरण के मुकदमे में 120बी (षड्यंत्र रचना) के तहत इनके नाम बढ़ाकर गिरफ्तारी कर सकती है।

उधर शुआट्स निदेशक की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर है। बिंदकी कोतवाली के फरीदपुर के दंपती समेत तीन लोग अभी फरार हैं। इनके घरों की संपत्ति कुर्क करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी

दाखिल कर दी है। विवेचना कर रहे कोतवाली प्रभारी अमित मिश्र ने शुआट्स के निदेशक, चांसलर, वाइस चांसलर व पादरी के बयान दर्ज कराने को नोटिस भेजा था, लेकिन सिर्फ निदेशक विनोद बी लाल ही आए । वाइस चांसलर के बीमार होने व चांसलर के विदेश चले जाने की वजह से वे नहीं आए। दारोगा संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शुआट्स सोसाइटी बोर्ड के सदस्य आइजेक फ्रेंक को सरकारी गवाह बनाया गया है और धारा 164 के तहत कोर्ट में बयान दर्ज करवाए गए हैं। अब मतांतरण और विदेशी फंडिंग के मुकदमे में इनकी संलिप्तता मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। चर्च में 15 अप्रैल को मतांतरण के मामले में हिंदू संगठन के नेताओं की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।

फतेहपुर प्रयागराज स्थित शुआट्स के सदस्य आइजेक फ्रैंक स्पष्ट ने मतांतरण मामले में फंडिंग का विदेशी कनेक्शन बताकर वाइस सिंह, चांसलर आरबी लाल पर करोड़ों, जीव रुपये फंड मंगाने का आरोप लगाया था। उन्होंने अमेरिका, लंदन, कनाडा व यक्ष पाकिस्तान से फंडिंग की बात बताई पर थी। विवेचक ने छानबीन के लिए की सदस्य से फंडिंग के दस्तावेज व र्टल विभिन्न बैंकों के खातों का रिकार्ड की ले लिया था।

विवेचक को बयान का इंतजार:-धर्मांतरण प्रकरण की जांच कर रहे विवेचक अमित कुमार मिश्र ने बताया कि ईसीआइ में मतांतरण के मुकदमे में प्रयागराज के नैनी स्थितशुआट्स सोसाइटी बोर्ड के चांसलर, वाइस चांसलर और फादर अभी नोटिस का जवाब देने नहीं आए। निदेशक विनोद बी लाल ही आए थे लेकिन, लिखित में बयान भेजने की बात कहकर चले गए थे। सभी को सीआरपीसी की धारा 41 के तहतनोटिस दे दी गई है। इसमें बयान न देने पर कभी भी गिरफ्तार की जा सकती है संलिप्तता मिलने पर अब धर्मांतरण के दर्ज मुकदमे में 120बी के तहत नाम बढ़ाने की कार्रवाई हो सकती है

फ्रैंक पर छवि खराब करने का आरोप:-संयुक्त कुलसचिव प्रशासन, शुआट्स डा. सी. जान वेस्ली ने बताया कि बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने डा. आइजैक फ्रैंक की नियुक्ति नौ जून 1995 को प्लांट प्रोटेक्शन के पद पर संविदा की थी। इसके बाद उनको 2017 में बर्खास्त कर दिया था। तबसे वह शुआट्स की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं।