दिनेश शुक्ला /प्रयागराज: इवेंजिकल चर्च आफ इंडिया (ईसीआइ) में मतांतरण के मामले की जांच में सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं। प्रयागराज के एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट (डीम्ड विश्वविद्यालय) शुआट्स सोसाइटी बोर्ड के सदस्य डा. आइजक फ्रेंक ने कई गंभीर खुलासे किए हैं।

फ्रेंक ने पुलिस को बताया है कि इंस्टीट्यूट के वाइस चांसलर आरबी लाल व उनके भाई विनोद बी लाल (लाल ब्रदर्स) ने मिशनरी को खतरे में बताकर अमेरिका, कनाडा और लंदन से करोड़ो रुपए व 15 मार्च 2005 को हुज्जी मिनिस्ट्री के जनरल सेकेट्री शोहेल मस्कीन सियालकोट कैंट पाकिस्तान को मेल किया था। 30 हजार व्यक्तियों के लिए प्रति नाइट 10 हजार की डिमांड की थी। वीसी आरबी लाल ने रायबरेली में यीशू दरबार के लिए कनाडा के डिविल फिल की पत्नी डायना से रुपये मांगे थे।आरबी लाल ने इन्हीं पैसों की मदद से देशभर में कई जगह यीशु दरबार स्कूल खोले और इसके माध्यम से मतांतरण का जाल बुना।
विवेचक कोतवाल अमित मिश्रा ने बताया कि “बोर्ड ऑफ डायरेक्टर एसोसिएट एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के सदस्य डॉ. आइजक फ्रेंक ने फंडिंग को लेकर अहम जानकारी दी है। दोनों लाल बंधुओं के ख़िलाफ़ संगीन व गैर जमानती धाराओं में 153ए, 506, 420,467, 468, 471 आई पी सी व ⅗(1) उ. प्र. धर्म प्रतिषेध के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के शामिल होने का भी अंदेशा जताया जा रहा है। मामले की जांच एटीएस भी कर रही है। डॉ. आईजक फ्रेंक को पुलिस सरकारी गवाह बना सकती है। उन्होंने पुलिस को जांच में सहयोग करने और साक्ष्य दिलाने का भरोसा दिया है। सबूतों के आधार पर जल्द बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानिए पूरा प्रकरण

प्रयागराज के हरिहरगंज स्थित चर्च में 15 अप्रैल, 2022 को प्रार्थना सभा के दौरान हिंदू धर्म के दलित व आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को धन का लालच देकर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया था। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता हिमांशु दीक्षित की तहरीर पर पुलिस ने 56 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इसमें पादरी विजय मसीह समेत 14 आरोपित जेल में निरुद्ध हैं, जबकि 26 आरोपित अग्रिम जमानत पर हैं। कई आरोपित फरार हैं जिनकी संपत्ति कुर्क करने के लिए पुलिस ने नोटिस भी चस्पा कर रखा है।

विलसन किसपोटा की मौत का मामला भी उठा

डा. आइजक फ्रेंक ने पुलिस को बताया कि इंस्टीट्यूट के निदेशक विनोद बी लाल के वाइस चांसलर भाई आरबी लाल ने विदेश से आने वाले फंड में कई बार हेराफेरी भी की। इस पर वर्ष 2007 में आडिट भी कराया गया था। 2013 में मामला विधानसभा में भी उठा था।आर बी लाल ने स्टीफन दास व रंजन जॉन की सांठगांठ से 31 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन निदेशक विलसन किसपोटा के बैंक के खाते से 24 करोड़ रुपये निकाल लिए थे। इसके सदमे में विलसन किसपोटा की मौत हो गई थी। आरबी लाल को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था। पर लाल ब्रदर्स के रसूख ने उन्हें बचा लिया।

लाल ब्रदर्स का अपराध की दुनिया से रहा है पुराना नाता

शुआट्स के कुलपति आर बी लाल और प्रतिकुलपति एस बी लाल व भाई विनोद बी लाल का अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है। प्रयागराज जनपद के कई थानों में लाल परिवार के ख़िलाफ़ दर्जनों मुक़दमे दर्ज हुए है। पर धन व बाहुबल के चलते आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के बावजूद भी आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी हैं। अवैध असलहा रखना हो या सरकारी अथवा शिक्षण संस्थान की सोसायटी की जमीनो पर गैर कानूनी तरीके से अवैध कब्जा करना हो इनके लिए यह आम बात है। ऐसे कई मामले दर्ज होने के बाद भी रसूखदार के खिलाफ कभी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी! 2017 में तत्कालीन एसडीएम राजा गणपति ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का साफ उल्लेख किया है कि लाल परिवार गैर कानूनी तरीके से सोसायटी की जमीनों को अपने परिवार के नाम करा लिया है उदाहरण के तौर पर बात करें तो आरबी लाल और अन्य पदाधिकारियों पर नैनी व करछना क्षेत्र में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों की जमीन हड़पने का आरोप भी है। इसके साथ ही जनपद के कई थानों में इसके खिलाफ कई संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज की गई हैं। पर हर बार इनके रसूख के चलते कभी गवाहों को खरीद लिया गया कभी सुबूत मिटाने के लिए षड्यंत्र रचे गए !

स्वतंत्र पत्रकार दिनेश शुक्ला का मिशन “लाल मुक्त SHUATS” सुर्खियों में

विश्वविद्यालय के पुरा छात्र रहे पत्रकार दिनेश शुक्ला ने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कैंपस में चल रहे अवैध नियुक्ति व शिक्षण संस्थान ( ईशु दरबार ) में धर्मांतरण के विषय पर प्रखर होकर आवाज बुलंद की व 2017 से सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान चला रहे हैं। इन्होंने सोशल मीडिया के जरिए विश्वविद्यालय में चल रहे आपराधिक गतिविधियों को उजागर कर लाल बंधुओं को कई बार बेनकाब करने का भी कार्य किया है। दिनेश शुक्ला का अभियान तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने कुलपति डॉ. आर. बी. लाल के पुत्र डॉ. जोनाथन लाल की शिक्षण संस्थान में अवैध नियुक्ति पर साक्ष्य के साथ अपनी आवाज उठाई। इसके लिए इन्होंने “एमएचआरडी भारत सरकार को पत्र भी लिखा। लेकिन प्रभावशाली व्यक्तित्व एवं धन बल व बाहुबल के दम पर इन्होंने मामले को दबा दिया। दिनेश शुक्ला ने बताया कि ” यूनिवर्सिटी में लाल बंधुओं का यह काला कारनामा वर्षों पुराना है। इस बार फतेहपुर में धर्मांतरण के मामले में यह कानून के जाल में बुरी तरह फस गए हैं। अब इन्हें अपने अपराधों को स्वीकार करते हुए सलाखों के पीछे जाने से कोई बचा नहीं सकता। मिशन लाल मुक्त SHUATS में सहयोग करने वाले सभी लोगों का दिनेश शुक्ला ने आभार भी जताया है!

संत समाज में धर्मांतर को लेकर आक्रोश, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में दुनिया भर से आए साधु संन्यासियों ने धर्मांतरण को देश में कोरोना महामारी से अधिक खतरनाक बताया है। इस मुद्दे को लेकर पूरा छात्रों सहित कई अन्य लोगों ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है।

उनका कहना है की एग्रीकल्चर के कुलपति ने जो शर्मनाक कार्य किया है वह निंदनीय है! कई साधू संतो ने इस पर धर्म संसद में प्रस्ताव लाने की भी बात कही है क्योंकि संत समाज में धर्मांतरण के मुद्दे पर काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर धर्मांतरण कराया गया है तो शुआट्स के कुलपति आरबी लाल को जेल भेजना चाहिए उन्होंने देश के संविधान को ललकारने का काम किया है।

अगर जल्द से जल्द आरबी लाल व विनोद बी लाल की गिरफ्तारी नहीं हुई तो संत समाज में आक्रोश बढ़ेगा और आक्रोश में जो संघर्ष होगा उसका जिम्मेदार कुलपति आर बी लाल होगा इसलिए संत समाज की मांग को देखते हुए प्रशाशन पर भी ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ जल्द कार्यवाही का दबाव भी बनता जा रहा है!