पादहस्तासन अर्थात ऐसा आसन जिसमें पैरों को हाथों से छूते हों। यह हठ योग शैली का आसन है, इसे करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है। इस आसन के अभ्यास से नीचे का शरीर आकार में आता है। अवसाद और तनाव के रोगियों के लिए भी इस आसन का अभ्यास बहुत लाभकारी है। इस आसन के अभ्यास से दिमाग को अच्छी मात्रा में प्राणवायु भी मिलती है इसलिए अच्छी सेहत के लिए सभी को इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।

आइए जानते हैं पादहस्तासन करने के लाभ और सही तरीका। 

विधि-
सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें। दोनों पैरों को चिपकाकर रखें। अब धीरे-धीरे अपने हाथों से एड़ियों को छूने का प्रयत्न करें। अपने सिर को घुटनों से छूने का प्रयास करें। इस दौरान अपने पांवों को मोड़ने की गलती न करें। आपको यह करते समय जांघों में खिंचाव महसूस हो सकता है। इस दौरान लंबी-गहरी सांस लेते रहें। 15-20 सेकंड तक इसी मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें।

पादहस्तासन करने के लाभ –

-इस आसन को करने से जांघों एवं घुटनों को मजबूती मिलती है।

-नींद न आने की शिकायत दूर होती है।

-सिरदर्द की समस्या में राहत मिलती है।

-किडनी और लिवर को सक्रिय रखती है।

-तनाव एवं अवसाद की समस्या में भी यह आसन लाभकारी है।

-पाचनतंत्र मजबूत होता है और पेट की बीमारियां दूर होती है।

सावधानियां-

-गर्भवती महिलाएं बिना किसी प्रशिक्षक के इस आसन का अभ्यास न करें।

– आसन खाली पेट करें और शौच करने के बाद करें।

– घुटनों में दर्द हो तो आसन का अभ्यास न करें।