हरियाणा की नई एक्साइज पालिसी 22 अप्रैल को आ सकती है। पालिसी के ड्राफ्ट को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक इस बार सरकार शराब पर कोविड सेस नहीं लगाएगी। कोरोना की वजह से शराब के नए ठेकों के बजाय मौजूदा लाइसेंस को ही रिन्यू किया जा सकता है। इसके लिए विभाग मौजूदा ठेकेदारों से पता करेगा। अगर 70 प्रतिशत ठेकेदार लाइसेंस रिन्यू के लिए राजी हुए तो उन्हें ही ठेके मिल सकेंगे। अगर यह आंकड़ा कम रहता है तो फिर नए सिरे से ठेकों का आवंटन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच पिछले दिनों पालिसी को लेकर बैठक हो चुकी है। पिछले साल कोविड-19 की वजह से एक्साइज पालिसी पहली अप्रैल के बजाय 20 मई को लागू हुई थी। इस बार भी पालिसी एक साल के लिए ही बनेगी। ऐसे में पिछले साल की पालिसी 19 मई तक लागू रहेगी और 20 मई से नई पालिसी अस्तित्व में आएगी।
22 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में नई पालिसी पर मुहर लग सकती है। सरकार ने कोरोना काल की वजह से बिगड़ी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पिछले साल कोविड सेस लगाया था, जिससे करीब एक हजार करोड़ रुपये खजाने में आए। इस बार कोविड सेस नहीं लगेगा। दरअसल कोविड सेस का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में लंबित है।
पिछले साल फरवरी में घोषित की गई पालिसी में सात हजार करोड़ रुपये के राजस्व का टारगेट रखा गया था। अहम बात यह है कि कोरोना महामारी के बावजूद विभाग अभी तक सात हजार करोड़ से अधिक का राजस्व हासिल कर चुका है। वहीं, 19 मई तक रेवेन्यू आठ हजार करोड़ को पार कर सकता है। इसके चलते नई पालिसी से आठ हजार करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा जा सकता है।
नई पालिसी 20 मई से शुरू होकर अगले साल 19 मई तक लागू रहेगी। कैबिनेट में रखे जाने वाले ड्राफ्ट में एक साल का ही जिक्र है। अब अगर कैबिनेट चाहेगी तो पालिसी को 10 महीने के लिए भी लागू कर सकती है। संभावना इसी बात की है कि पालिसी एक साल के लिए ही लागू रहेगी। आमतौर पर एक्साइज पालिसी पहली अप्रैल को लागू होती है और 31 मार्च तक चलती है।